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05 MARCH 2010
गूगल गो
जैसा की हम सभी जानते हैं की गूगल हमेशा कुछ न कुछ नया लाता ही रहता है, इस बार गूगल लाया है एक नयी प्रोग्रामिंग भाषा "गूगल गो". बहुत कम लोग इस बात को जानते होंगे की यह नयी प्रोग्रामिंग भाषा उस २०% समय में बनी है जो गूगल अपने सभी employee को कुछ नया करने के लिए देता है.
क्या है "GO"?
GO गूगल के द्वारा बनाई गयी एक open source programming language है. गूगल के अनुसार यह आसान, तेज, सुरक्षित, मजेदार और concurrent programming language है. यदि कोई सी और सी++ पर कम करना जानता है तो GO पर भी कर सकता है, क्यूंकि यह वही syntax को प्रयोग करता है. इसमें garbage collection को भी शामिल किया गया है.
GO गूगल के द्वारा बनाई गयी एक open source programming language है. गूगल के अनुसार यह आसान, तेज, सुरक्षित, मजेदार और concurrent programming language है. यदि कोई सी और सी++ पर कम करना जानता है तो GO पर भी कर सकता है, क्यूंकि यह वही syntax को प्रयोग करता है. इसमें garbage collection को भी शामिल किया गया है.
एक और प्रोग्रामिंग भाषा?
गूगल का मानना है की जिन भाषाओ (C, C++, JAVA etc.) का प्रयोग किया जाता है वो आज कल की application को बनाने के लिए उपयुक्त नहीं हैं, गूगल के अनुसार जिस तेजी से कंप्यूटर का विकास हुआ है उस तेजी से software development नहीं हो पा रहा है, software development के process में तेजी लाने के लिए programming languages में बदलाव जरूरी है, उदाहरण के लिए कुछ प्रोग्रामिंग भाषाएँ सी, सी++ hearder फाइल का प्रयोग करते हैं जिससे dependency analysis बढ़ जाती है और compilation धीरे होती है. यदि बात concurrency की हो तो उसके लिए प्रयोग होने वाला syntax बहुत कठिन होता है.
प्रोग्रामिंग भाषाओ में नए function डालने के लिए libraries का प्रयोग किया जाता है जबकि language खुद उन में से किसी भी function को अपने में शामिल नहीं करती, उसके लिए काफी मेहनत करनी पड़ती है.
तो गूगल के अनुसार समय बदला है और computing के तरीके भी, ऐसे समय में एक ऐसी भाषा जो compilation में आसान हो, जिसमे program लिखना आसान हो, और run भी तेजी से होती हो तो user और developer दोनों को फ़ायदा होना निश्चित है.
गूगल का मानना है की जिन भाषाओ (C, C++, JAVA etc.) का प्रयोग किया जाता है वो आज कल की application को बनाने के लिए उपयुक्त नहीं हैं, गूगल के अनुसार जिस तेजी से कंप्यूटर का विकास हुआ है उस तेजी से software development नहीं हो पा रहा है, software development के process में तेजी लाने के लिए programming languages में बदलाव जरूरी है, उदाहरण के लिए कुछ प्रोग्रामिंग भाषाएँ सी, सी++ hearder फाइल का प्रयोग करते हैं जिससे dependency analysis बढ़ जाती है और compilation धीरे होती है. यदि बात concurrency की हो तो उसके लिए प्रयोग होने वाला syntax बहुत कठिन होता है.
प्रोग्रामिंग भाषाओ में नए function डालने के लिए libraries का प्रयोग किया जाता है जबकि language खुद उन में से किसी भी function को अपने में शामिल नहीं करती, उसके लिए काफी मेहनत करनी पड़ती है.
तो गूगल के अनुसार समय बदला है और computing के तरीके भी, ऐसे समय में एक ऐसी भाषा जो compilation में आसान हो, जिसमे program लिखना आसान हो, और run भी तेजी से होती हो तो user और developer दोनों को फ़ायदा होना निश्चित है.
महत्त्वपूर्ण बदलाव
- pointer arithmetic को ख़त्म किया गया है
- Type hierarchy, अब और नहीं
- overloading methods और operator overloading ख़त्म
- implicit type conversion रुका
- header files की जगह package का प्रयोग
- मुख्य type Strings, arrays और map रखे गए हैं
- Threading और concurrent programming को programming language में ही स्थान दिया गया है
- हर variable को declaration के समय ही initialize कर दिया जाता है
- garbage collection भी programming language का ही एक feature है
- multiple parallel assignmets, ( i, j = j , i) सही है
- function कई value return कर सकते हैं
इसके अलावा भी कई बदलाव है जिनको समय-समय पर लिखता रहूँगा, अभी इतना ही
Labels: open source
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30 SEPTEMBER 2009
ओपन सॉर्स सॉफ्टवेयर
आज मैं आप लोगों को ओपन सॉर्स सॉफ्टवेयर के बारे में बताने जा रहा हूँ | आप लोगों ने ओपन सॉर्स सॉफ्ट्वेर के बारे में सुना होगा, ओपन सॉर्स सॉफ्ट्वेर वो सॉफ्ट्वेर हैं जिनका सॉर्स कोड भी आपको मिलता है |
सॉर्स कोड :- (Source code) वह कोड जिससे सॉफ्टवेयर बना है |साधारणतया आपको सिर्फ सॉफ्टवेयर का executable कोड ही मिलता है | executable कोड की मदद से आप सॉफ्टवेयर का प्रयोग टू कर सकते है पर उसको अपने अनुसार बदल नही सकते , पर सॉर्स कोड से आप executable कोड बना सकते है |
हम में से अधिक्टर लॉग MICROSOFT ऑपरेटिंग सिस्टम का प्रयोग करते हैं | क्या आपको पता है की MICROSOFT ऑपरेटिंग सॉफ्टवेयर का मूल्य कितना है?
Microsoft XP की पर्सनल कॉपी का मूल्य 8000/- रू. है |
Microsoft Vista Home Basic की पर्सनल कॉपी का मूल्य 13000/- रू. है |
यदि आप बिना लाइसेन्स के ऑपरेटिंग सिस्टम का उपयोग कर रहे है तो आप कानून की अवमानना कर रहे हैं |
अगर आपको पता चले की एक ऑपरेटिंग सिस्टम ऐसा भी है जिसके लिए आपको रू. नही देने होंगे ओर आप उसका प्रयोग बिना किसी कानून के अबमानना किए कर सकते है तो क्या आप उसका प्रयोग करना पसंद नही करेंगे?
ऐसा एक ऑपरेटिंग सिस्टम है जिसका नाम है LINUX (लिनक्स). लिनक्स एक ओपन सॉर्स सॉफ्टवेयर है | लिनक्स आपको वह सभी सुविधाएं देता है जो की XP या Vista देते हैं |लिनक्स को इन्स्टॉल करने का तरीका भी काफ़ी आसान है और आप किसी भी सिस्टम पर लिनक्स को इन्स्टॉल कर सकते हैं |
Labels: Linux, Microsoft, open source
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