मंगलवार, १३ सितम्बर २०११
जीभ से जाने अपने स्वास्थ्य के बारे मेँ
Posted by Dr. Ashok Kumar Palmist on ५:५८ अपराह्न
जब भी आप डाँक्टर के
पास जाते हैँ, तो वह टाँर्च
की मदद से आपकी जीभ
जरूर चेक करता है। कुछ
लोगोँ को भले ही यह
अजीब लगता हो, लेकिन
सच्चाई यह है कि इस तरह
से बड़ी-बड़ी बीमारियाँ
पकड़ मेँ आ जाती हैँ।
दरअसल, जीभ मेँ होने वाले
बदलाव कई बीमारियोँ को
समय पर पकड़ने मेँ मदद
करते हैँ। जाहिर है, इस
तरह ये बीमारियाँ गंभीर
रूप लेने से बच जाती हैँ।
छाले होना :- जीभ पर छोटे व दर्द करने
वाले छाले एक आम
समस्या है । इनकी वजह
स्ट्रेस, टेँशन, और हाँर्मोनल
बदलाव हो सकती है ।
हालांकि ये किसी खास
बीमारी के लक्षण नहीँ होते
और कुछ ही दिनोँ मेँ ठीक
हो जाते हैँ । वहीँ , कुछ
खास तरह के छाले बाँडी मेँ
एलर्जी रिएक्शन, वायरस
इंफेक्शन और इम्यून
डिसऑर्डर की ओर इशारा
करतेँ हैँ और जीभ की एक
साइड पर दर्द करने वाली
ग्रोथ हो रही हो, तो इसे
फौरन डाँक्टर को दिखाएं।
यह कैँसर का लक्षण हो
सकता है।
रंग बदलना :- स्मूथ, हल्की पीली और
सपाट जीभ बाँडी मेँ
आयरन की कमी बताती है,
जबकि सपाट लाल जीभ
डाइट मेँ गड़बड़ की ओर
इशारा करती है। अगर
जीभ का कलर स्ट्राँबेरी के
कलर का हो गया है, तो
इसका मतलब है कि आपको
स्कारलेट फीवर है। जीभ
पर सफेद पैचेज फीवर,
डिहाइड्रेशन, सायफिलिस
या स्मोक करने वालोँ मेँ
ल्यूकोप्लेकिया के लक्षण हो
सकते हैं।
> जीभ के सूजने और लाल
होने की स्थिति को
ग्लोसाइटिस कहते हैँ,
जिसकी वजह बैक्टीरिया
या वायरल इंफेक्शन हो
सकती है।
यह इंफेक्शन मुँह की पूरी
सफाई न रखने, जीभ मेँ
छेद करवाने या मसालोँ,
अल्कोहल और तंबाकू के
सेवन की वजह से होता है।
बाल महसूस होना :- बुखार से उठने
के बाद, लंबे समय तक
एंटीबाँयोटिक का प्रयोग
करने या परऑक्साइड
वाला माउथवाँश इस्तेमाल
की वजह से जीभ का
टेक्सचर बालोँ वाला
महसूस हो सकता है ।
हालांकि यह कोई घबराने
वाली बात नहीँ है, लेकिन
इससे फंगल इंफेक्शन के
होने का डर रहता है।
> वैसे जीभ की साइड पर उगने वाली बालोँ जैसी
ग्रोथ को हेयरी
ल्यूकोप्लेकिया कहते हैँ। इसे
अक्सर एड्स के मरीजोँ मेँ
देखा गया है।
साइज बदलना :- कई बार जीभ का साइज
बढ़ जाता है। इस स्थिति को
मेडिकल टर्म्स मेँ मैक्रो-
ग्लोसिया के नाम से जानते
हैँ। यह थायराँयड व हार्मोन
से जुड़ी गड़बड़ियोँ का एक
लक्षण है। हालांकि इस
बीमारी को दवाइयोँ की
सहायता से कंट्रोल किया
जा सकता है।
जीभ का सूखना :- आमतौर पर नम रहने
वाली जीभ पर सूखापन
महसूस होना डिहाइड्रेशन
व सलाइवरी ग्लैँड के
डिसऑर्डर की पहचान है।
इसके लिए आपको तुरंत
डाँक्टर की मदद लेनी
चाहिए। अगर आपको
अपनी जीभ पर इनमेँ से
कोई भी लक्षण नजर आते
हैँ, तो डाँक्टर को अप्रोच
करने मेँ देर न करेँ। सही
समय पर पकड़े गए लक्षण
और शुरू किया गया
ट्रीटमेँट कई हेल्थ प्राँब्लम्स को दूर कर सकता है।
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